बस तू मिरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे

भाषाघर पत्रिका का मई 2024 अंक समकालीन हिंदी साहित्य में एक ऐतिहासिक और संवेदनशील हस्तक्षेप है, जो तृतीयलिंगी विमर्श पर केंद्रित है। इस विशेषांक का संपादकीय — "बस तू मिरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे", उज्ज्वल कुमार सिंह द्वारा रचित है, जो न केवल संपादकीय वक्तव्य है, बल्कि यह एक वैचारिक उद्घोषणा और साहित्यिक पुकार है — हाशिए पर खड़े समुदायों की आवाज़ से अपनी आवाज़ मिलाने की मांग करता हुआ।

शोध आलेख

उज्जवल कुमार सिंह

5/19/2024