उज्जवल कुमार सिंह हिंदी साहित्य के एक समर्पित शोधार्थी, संवेदनशील लेखक और भाषाई संस्कृति के सजग पैरोकार हैं। आप साहित्यिक पत्रकारिता, आलोचना, शोध और सृजनात्मक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय परीक्षण सेवा – भारत, भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) में डॉक्टोरल फेलो तथा हिंदी और अन्य भारतीय भाषा विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में ‘लैंगिक विमर्श की वैचारिकी और तृतीयलिंगी समुदाय की साहित्यिक एवं भाषिक अभिव्यक्तियाँ’ विषय पर शोधरत हैं। विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में आपके 6 लेख प्रकाशित हो चुके हैं। भाषा, समाज और संस्कृति के अंतःसंबंधों को उजागर करना आपकी विशेष रुचि है। ‘साहित्य गंगा’ पत्रिका के माध्यम से आप जनपदीय और समकालीन साहित्य को एक नई दृष्टि देने का कार्य कर रहे हैं। आप भाषाई हाशिए पर स्थित समुदायों की अभिव्यक्ति को मुख्यधारा की विमर्श-भूमि पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, युवा रचनाकारों को मंच देने हेतु आप विभिन्न साहित्यिक उपक्रमों का संचालन भी कर रहे हैं।